चर का अर्थ एवं प्रकार
चर वह राशि है जिसके मूल्य विभिन्न परिस्थितियों में बदलते रहते हैं। उदाणार्थ आय, आयु, ऊंचाई, वजन, निर्यात - आयात, उत्पादन इत्यादि।
चर दो प्रकार के होते हैं।
(i) खंडित (असतत) चर:-
असतत चर में केवल परिमित मूल्य हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, एक फुटबॉल मैच में गोलो की संख्या, परिवार में बच्चों की संख्या, एक कक्षों में छात्रों की संख्या, सड़क पर दुर्घटनाओं की, टेलीफोन कॉल आदि की संख्या।
जैसे - एक फुटबॉल मैच में गोलों की संख्याँ 0,1,2,3 हो सकती है ...... लेकिन 1.25 नहीं । व्यावहारिक रूप से ये पूर्णांक मूल्यों को ग्रहण करते हैं।
(ii) सतत चर-
सतत चर वह चर है, जिसका निश्यित सीमाओं के अन्तर्गत कोई भी मूल्य हो सकता । यहाँ दो मूल्यों के मध्य अनगिनत मूल्य हो सकते है। उदाहरण के लिए, ऊंचाई, वजन, उम्र, तापमान।
जैसे - हमारे पास 4 सेमी और 5 सेमी के बीच 4.01, 4.02, 4.11, 4.13, 4.21,4.23
सतत चर के मूल्यों को मापा जाता है।
सैद्धांतिक रूप से और व्यावहारिक रूप से वे तथ्य जिन्हे "मापा" जाता हैं उन्हें सतत चर के रूप में माना जा सकता है और जिन तथ्यों को "गिना" जाता है उन्हें खंडित चर कहा जाता है।
सांख्यिकीय श्रेणियाँ:-
- समय पर आधारित श्रृंखला को काल श्रेणी कहा जाता है।
- भौगोलिक स्थिति पर आधारित श्रृंखला को "स्थानिक श्रेणी" कहा जाता है।
- संख्यात्मक मान पर आधारित श्रृंखला को "व्यक्तिगत श्रृंखला" और "आवृत्ति वितरण" कहा जाता है।
- किसी भी अन्य विशेष शर्त के आधार पर श्रेणी "सशर्त श्रेणी" कही जाती है।
मात्रात्मक मूल्यों पर आधारित श्रेणी
(1) Individual series (व्यक्तिगत श्रेणी)
Ex. 70, 90, 60, 55, , 85, 18, 29 etc.
(2) आवृत्ति वितरण (आवृति बंटन)
(i) खंडित श्रेणी या असमूहीकृत आवृति बंटन
Ex1
X | 2 | 5 | 7 | 9 | 11 |
---|---|---|---|---|---|
F | 3 | 4 | 5 | 4 | 3 |
(ii) सतत श्रेणी या समूहीकृत आवृति बंटन
Ex2
Class | 0-10 | 10-20 | 20-30 | 30-40 | 50-60 |
---|---|---|---|---|---|
Freq. | 17 | 25 | 10 | 18 | 12 |
dddd